इस जहां में प्यार महके जिन्दगी बाकी रहे..
ये दुआ माँगो दिलों में रोशनी बाकी रहे।
दिल के आँगन में उगेगा ख्वाब का सब्जा जरूर
शर्त है आँखों में अपनी कुछ नमी बाकी रहे।
हर किसी से दिल का रिश्ता काश हो कुछ इस तरह
दुश्मनी के साए में भी दोस्ती बाकी रहे।
आदमी पूरा हुआ तो देवता बन जाएगा
ये जरूरी है कि उसमें कुछ कमी बाकी रहे।
लब पे हो नगमा वफा का दिल में ये जज्बा भी हो
लाख हों रुसवाइयां पर आशिकी बाकी रहे।
दिल में मेरे पल रही है ये तमन्ना आज भी
इक समंदर पी चुकूं और तिश्नगी बाकी रहे।
Monday, January 19, 2009
आज रूठा हुआ दोस्त बहुत याद आया
आज रूठा हुआ दोस्त बहुत याद आया
अच्छा गुजरा हुआ वक़्त बहुत याद आया|
मेरे आखों के हर एक अश्क पे रोने वाला दोस्त
आज आँख जब ये रोये तो तुम बहुत याद आये |
जो मेरे दर्द को सिने में छुपा लेता था
आज जब दर्द हुआ मुझको वो बहुत याद आया|
जो मेरे आँख में काजल की तरह रहता था
आज काजल जो लगाया तो बोहोत याद आया |
जो मेरे करीब था दिल के हर वक़्त उसी को
आज जब दिल ने बुलया तो बहुत याद आया|
अच्छा गुजरा हुआ वक़्त बहुत याद आया|
मेरे आखों के हर एक अश्क पे रोने वाला दोस्त
आज आँख जब ये रोये तो तुम बहुत याद आये |
जो मेरे दर्द को सिने में छुपा लेता था
आज जब दर्द हुआ मुझको वो बहुत याद आया|
जो मेरे आँख में काजल की तरह रहता था
आज काजल जो लगाया तो बोहोत याद आया |
जो मेरे करीब था दिल के हर वक़्त उसी को
आज जब दिल ने बुलया तो बहुत याद आया|
Zindagi hai choti
Zindagi hai choti,
har pal mein khush raho...
Office me khush reho,
ghar mein khush raho...
Aaj paneer nahi hai,
dal mein hi khush raho...
Aaj gym jane ka samay nahi,
do kadam chal ke he khush raho...
Aaj Dosto ka sath nahi,
TV dekh ke hi khush raho...
Ghar ja nahi sakte,
to phone kar ke hi khush raho...
Aaj koi naraaz hai,
uske iss andaz mein bhi khush raho..
Jisse dekh nahi sakte,
uski awaz mein hi khush raho...
Jisse paa nahi sakte,
uske yaad mein he khush raho..
MBA karne ka socha tha,
S/W mein he khush raho...
Laptop na mila to kya,
Desktop mein hi khush raho..
bita hua kal ja chuka hai,
uskie meeti yaadon me khush raho..
aane wale pal ka pata nahi..
sapno mein he khush raho..
Haste haste ye pal bitaenge,
aaj mein he khush raho..
Zindagi hai choti ,
har pal Khush raho...
har pal mein khush raho...
Office me khush reho,
ghar mein khush raho...
Aaj paneer nahi hai,
dal mein hi khush raho...
Aaj gym jane ka samay nahi,
do kadam chal ke he khush raho...
Aaj Dosto ka sath nahi,
TV dekh ke hi khush raho...
Ghar ja nahi sakte,
to phone kar ke hi khush raho...
Aaj koi naraaz hai,
uske iss andaz mein bhi khush raho..
Jisse dekh nahi sakte,
uski awaz mein hi khush raho...
Jisse paa nahi sakte,
uske yaad mein he khush raho..
MBA karne ka socha tha,
S/W mein he khush raho...
Laptop na mila to kya,
Desktop mein hi khush raho..
bita hua kal ja chuka hai,
uskie meeti yaadon me khush raho..
aane wale pal ka pata nahi..
sapno mein he khush raho..
Haste haste ye pal bitaenge,
aaj mein he khush raho..
Zindagi hai choti ,
har pal Khush raho...
ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए
ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,
ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,
कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,
उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,
मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,
उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,
अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,
यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,
ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,
कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,
उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,
मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,
उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,
अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,
यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए
मत करो कोई वादा जिसे तुम निभा न सको
मत करो कोई वादा जिसे तुम निभा न सको, मत चाहो उसे जिसे तुम पा न सको, प्यार कहाँ किसी का पूरा होता है, इसका तो पहला शब्द ही अधूरा होता है.. !! ..माना की प्यार का पहला अक्षर अधूरा है, लेकिन 'प' को निकल दो तो यार रह जाता है और आप जैसा यार हो तो ज़िंदगी से भी प्यार हो जाता है ... यूं तो प्यार करने वाले तुम्हें कम न मिलेंगे, मिल जाएंगे हम जैसे बहुत पर हम न मिलेंगे. उन्हें भूलने की कोशिश की मैंने, दिल ने कहा याद करते रहना... वो हमारे दर्द की फरियाद सुने न सुने, अपना तो फ़र्ज़ है उन्हें प्यार करते रहना.. --------suresh
इस छोटी सी जिन्दगी के,गिले-शिकवे मिटाना चाहता हूँ
इस छोटी सी जिन्दगी के,गिले-शिकवे मिटाना चाहता हूँ,
सब को अपना कह सकूँ,ऐसा ठिकाना चाहता हूँ,
टूटे तारों को जोड़ कर,फिर आजमाना चाहता हूँ,
बिछुड़े जनों से स्नेह का,मंदिर बनाना चाहता हूँ.
हर अन्धेरे घर मे फिर,दीपक जलाना चाहता हूँ,
खुला आकाश मे हो घर मेरा,नही आशियाना चाहता हूँ,
जो कुछ दिया खुदा ने,दूना लौटाना चाहता हूँ,
जब तक रहे ये जिन्दगी,खुशियाँ लुटाना चाहता हूँ
इतने दोस्तो मे भी एक दोस्त की तलाश है मुझे
इतने अपनो मे भी एक अपने की प्यास है मुझे
छोड आता है हर कोइ समन्दर के बीच मुझे
अब डूब रहा हु तो एक सािहल की तलाश है मुझे
लडना चाहता हु इन अन्धेरो के गमो से
बस एक शमा के उजाले की तलाश है मुझे
तग आ चुका हु इस बेवक्त की मौत से मै
अब एक हसीन िजन्द्गी की तलाश है मुझे
दीवना हु मै सब यही कह कर सताते है मुझे
जो मुझे समझ सके उस शख्श की तलाश है मुझे
सब को अपना कह सकूँ,ऐसा ठिकाना चाहता हूँ,
टूटे तारों को जोड़ कर,फिर आजमाना चाहता हूँ,
बिछुड़े जनों से स्नेह का,मंदिर बनाना चाहता हूँ.
हर अन्धेरे घर मे फिर,दीपक जलाना चाहता हूँ,
खुला आकाश मे हो घर मेरा,नही आशियाना चाहता हूँ,
जो कुछ दिया खुदा ने,दूना लौटाना चाहता हूँ,
जब तक रहे ये जिन्दगी,खुशियाँ लुटाना चाहता हूँ
इतने दोस्तो मे भी एक दोस्त की तलाश है मुझे
इतने अपनो मे भी एक अपने की प्यास है मुझे
छोड आता है हर कोइ समन्दर के बीच मुझे
अब डूब रहा हु तो एक सािहल की तलाश है मुझे
लडना चाहता हु इन अन्धेरो के गमो से
बस एक शमा के उजाले की तलाश है मुझे
तग आ चुका हु इस बेवक्त की मौत से मै
अब एक हसीन िजन्द्गी की तलाश है मुझे
दीवना हु मै सब यही कह कर सताते है मुझे
जो मुझे समझ सके उस शख्श की तलाश है मुझे
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