आज रूठा हुआ दोस्त बहुत याद आया
अच्छा गुजरा हुआ वक़्त बहुत याद आया|
मेरे आखों के हर एक अश्क पे रोने वाला दोस्त
आज आँख जब ये रोये तो तुम बहुत याद आये |
जो मेरे दर्द को सिने में छुपा लेता था
आज जब दर्द हुआ मुझको वो बहुत याद आया|
जो मेरे आँख में काजल की तरह रहता था
आज काजल जो लगाया तो बोहोत याद आया |
जो मेरे करीब था दिल के हर वक़्त उसी को
आज जब दिल ने बुलया तो बहुत याद आया|
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