Monday, January 19, 2009

आज रूठा हुआ दोस्त बहुत याद आया

आज रूठा हुआ दोस्त बहुत याद आया
अच्छा गुजरा हुआ वक़्त बहुत याद आया|

मेरे आखों के हर एक अश्क पे रोने वाला दोस्त
आज आँख जब ये रोये तो तुम बहुत याद आये |

जो मेरे दर्द को सिने में छुपा लेता था
आज जब दर्द हुआ मुझको वो बहुत याद आया|

जो मेरे आँख में काजल की तरह रहता था
आज काजल जो लगाया तो बोहोत याद आया |

जो मेरे करीब था दिल के हर वक़्त उसी को
आज जब दिल ने बुलया तो बहुत याद आया|

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