जिंदगी क्या है,
खुशियों के दायरे में से किसी ने कहा प्यार ही है, जिन्दगी.
थके राही ने कहा ,चलना ही है जिन्दगी
प्यासे राही ने कहा प्यास ही है जिन्दगी
दुखी आदमी ने कहा सुख से रहना ही है जिन्दगी,
मगर हमसे भी कोई पुच्छे की क्या है जिन्दगी ,
न गिरकर गिरकर उठने का नाम ही है जिन्दगी.
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